आत्मनिर्भर भारत योजना – मधुमक्खी पालकों को सरकार 500 करोड़ रूपये का लोन देगी, मधुमक्खी पालन योजना 2020, Beekeeping Scheme Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana
मधुमक्खी पालकों को 500 करोड़ रूपये का लोन
कोरोना वायरस से बचने के लिए किया लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है जिसमे भारत की अर्थव्यवस्था भी काफी हद तक प्रभावित हुई है। जिसके देखते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है की इस साल भारत की जीडीपी 0% रह सकती है। जिसके कारण देश में भारी मंदी आ सकती है जिससे देश के लाखो करोड़ो लोगो की नौकरी जाने का खतरा है।
इसलिए लॉकडाउन से हुए नुकसान से उभारने के लिए सभी वर्गो व देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रूपये का राहत पैकेज देने की घोषणा की गयी थी। जिसमे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मधुमक्खी पालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 500 करोड़ रूपये का बजट पास किया गया है।
भारत में मधुमक्खी पालन
हमारा देश मधुमक्खी पालन उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में आठवा नंबर पर आता है जो 64.9 हजार टन शहद का उत्पादन करता है और चीन मधुमक्खी उत्पादन के मामले में दुनिया के पहले स्थान पर आता है जो 551 हजार टन शहद का उत्पादन करता है।
देश को आत्मनिर्भर बनाने के तहत मधुमक्खी पालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन करने में जो खामिया मौजूद है। उनको दूर करने के लिए सिस्टम में सुधार करके आधुनिकरण किया जायेगा व मधुमक्खी पालन केन्द्रों का एकीकृत किया जायेगा और पोस्ट हार्वेस्ट और मूल्य वर्धन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा ट्रेसबिलिटी सिस्टम, क्वालिटी नूक्लीअस स्टॉक का विकास किया जायेगा जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
टिड्डी कीट हेल्पलाइन नंबर – PM Kisan Yojana
मधुमक्खी पालन योजना का उद्देश्य
- मधुमक्खियों की नस्ल और गुणवत्ता सुधार।
- मधुमक्खी पालन से ग्रामीणों और महिलाओं को रोजगार देना।
- मधुमक्खी पालन के लिए विकास केंद्र, एकत्रण, मार्केटिंग, भंडारन व अन्य सुविधाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार।
- शहद के आलावा भी मधूमक्खी पालन से अन्य उत्पाद जैसे की मोम (वैक्स) बनाना।
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